Om jai jagdish hare aarti lyrics
भारत को त्योहारों का देश कहा गया हैं. और भारत में पूजा करने का सबसे महत्वपूर्ण भाग है आरतियां.आरतियों को हमारे देश में विशेष महत्व दिया गया हैं . हर देवता के लिए अपनी भिन्न भिन्न आरतियां होती हैं जिसके द्वारा उनका गुणगान गया जाता हैं . हमारा यह प्रयत्न हैं की आरती ॐ जय जगदीश हरे जो की भारत की पुरातन आरती हैं उसका प्रचार हो.
‘ओम जय जगदीश’ जैसे इस भावपूर्ण आरती के रचियता पं. श्रद्धाराम शर्मा. पं. शर्मा पंजाब से थे .उन्होंने अपनी रचनाओं से अँग्रेज़ोको हिला कर रख दिया था.
Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in Hindi
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करें, ओम जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे, दुख बिन से मन का
स्वामी दुख बिन से मन का, सुख संपति घर आवे
स्वामी, सुख संपति घर आवे, कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे
माता पिता तुम मेरे, शरण पाऊँ मैं किसकी
स्वामी शरण पाऊँ मैं किसकी, तुम बिन और ना दूजा
प्रभु बिन और ना दूजा, आस करूँ मैं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
स्वामी तुम अंतर्यामी, पर ब्रह्म परमेश्वर
स्वामी, पर ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी
ओम जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालन करता
स्वामी तुम पालन करता, मैं मूरख खल कामी
मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भरता
ओम जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सब के प्राण पति
स्वामी सब के प्राण पति, किस विधि मिलूं गोसाईं
किस विधि मिलूं दयालु, तुम को मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे
दीन बंधु दुख हरता, ठाकुर तुम मेरे
स्वामी ठाकुर तुम मेरे, अपने हाथ उठाओ
अपनी शरन लगाओ, द्वार पड़ा हूं तेरे
ओम जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
स्वामी, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतों की सेवा
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करें, ओम जय जगदीश हरे ||
OM JAI JAGDISH HARE AARTI LYRICS
Om jai Jagdish hare, Swami jai Jagdish hare
Bhakt jano ke sankat, Das jano ke sankat
Kshan men door kare, Om jai Jagdish hare
Jo dhyave phal pave, Dukh bin se man ka
Swami dukh bin se man ka, Sukh sampati ghar aave
Sukh sampati ghar ave, Kasht mite tan ka
Om jai Jagdish hare
Mat pita tum mere, Sharan Paoon main kiski
Swami Sharan paoon main kiski, Tum bin aur na dooja
Prabhu bin aur na dooja, As karoon main jiski
Om jai Jagdish hare
Tum pooran Paramatam, Tum Antaryami
Swami tum Antaryami, Par Brahm Parameshwar
Par Brahm Parameshwar, Tum sabke swami
Om jai Jagdish hare
Tum karuna ke sagar, Tum palan karta
Swami tum palan karta, Main moorakh khalakhami
Main sevak tum swami, Kripa karo Bharta
Om jai Jagdish hare
Tum ho ek agochar, Sab ke pran pati
Swami sab ke pran pati, Kis vidhi miloon Gosai
Kis vidhi miloon Dayalu, Tum ko main kumati
Om jai Jagdish hare.
Deen bandhu dukh harta, Thakur tum mere
Swami Thakur tum mere, Apne hath uthao
Apni sharani lagao, Dwar paoa hoon tere
Om jai Jagdish hare.
Vishay vikar mitavo, Pap haro Deva
Swami pap haro Deva, Shradha bhakti badhao
Swami, Shradha bhakti badhao, Santan ki seva
Om jai Jagdish hare.
Om jai Jagdish hare, Swami jai Jagdish hare
Bhakt jano ke sankat, Das jano ke sankat
Shan men door kare, Om jai Jagdish hare.
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