Friday, June 27, 2025
HomeKathaअनसुने पात्र जिन्हें महाभारत में नहीं मिला उचित स्थान

अनसुने पात्र जिन्हें महाभारत में नहीं मिला उचित स्थान

अनसुने पात्र जिन्हें महाभारत में नहीं मिला उचित स्थान

प्रस्तावना-महाभारत के अनसुने पात्र

महाभारत के युद्ध, पांडवों, कौरवों, कृष्ण और अर्जुन की कहानियाँ तो सभी ने सुनी हैं। लेकिन इस महाकाव्य में ऐसे कई पात्र भी हैं, जिन्हें उतनी मान्यता नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी।
इन अनसुने पात्रों की भूमिका, विचारधारा और बलिदान भी उतने ही महत्वपूर्ण थे।

1. एकलव्य – त्याग और प्रतिभा का प्रतीक

  • आदिवासी बालक एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य की मूर्ति के सामने आत्म-अध्ययन से धनुर्विद्या सीखी। 
  • द्रोणाचार्य ने अर्जुन को श्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए एकलव्य से उसका अंगूठा माँग लिया, और उसने बिना विरोध किए दे दिया। 
  • एकलव्य आज की प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों के बिना भी सफलता की ओर बढ़ते हैं। 

2. बर्बरीक (श्याम बाबा) – सबसे बड़ा योद्धा

  • बर्बरीक घटोत्कच का पुत्र और भीम का पोता था, जो तीनों लोकों में युद्ध का सबसे बड़ा योद्धा माना गया। 
  • युद्ध से पहले श्रीकृष्ण ने उसका सिर माँग लिया, क्योंकि उसकी निष्पक्षता पूरे युद्ध का संतुलन बिगाड़ सकती थी। 
  • उसका सिर कुरुक्षेत्र में ऊँचाई पर रखकर पूरे युद्ध को देखा गया। 

3. उत्तरा – संघर्षशील महिला का उदाहरण

  • अभिमन्यु की पत्नी और अर्जुन की पुत्रवधू, जिसने पुत्र परीक्षित को युद्ध के बाद जन्म दिया, जिससे आगे चलकर भारत के वंश की पुनः स्थापना हुई। 
  • उसकी भूमिका यह दर्शाती है कि नारी शक्ति केवल युद्ध के पीछे नहीं, भविष्य के निर्माण में भी होती है। 

4. शिखंडी – पितृसत्ता को चुनौती

  • शिखंडी अम्बा का पुनर्जन्म था, जो भीष्म की मृत्यु का कारण बना। 
  • यह दर्शाता है कि न्याय और प्रतिशोध समय आने पर अपना रास्ता ढूंढ लेते हैं। 

5. उलूपी और चित्रांगदा – अर्जुन की पत्नियाँ, जिनकी कहानियाँ गुम हो गईं

  • इनका योगदान अर्जुन के जीवन और वंशवृद्धि में अत्यंत महत्वपूर्ण था। 
  • फिर भी, इतिहास ने उन्हें उतना स्थान नहीं दिया। 

निष्कर्ष-महाभारत के अनसुने पात्र

इन पात्रों की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि महाभारत सिर्फ प्रमुख नायकों की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की गाथा है जिसने किसी न किसी रूप में युद्ध, नीति और धर्म को प्रभावित किया।

Read more: कुरुक्षेत्र से क्या सीखा जा सकता है? 2025 में धर्म, नीति और युद्ध के सबक |

Featured Posts

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

CATEGORY

Recent Comments